संकटनाशन गणेश स्तोत्र | Shri Sankat Nashan Ganesh Stotra In Hindi
इस Post में हम आपको संकटनाशन गणेश स्तोत्र का PDF शेयर कर रहे हैं। मुनि श्रेष्ठ श्री नारद जी द्वारा कहा गया है। इस स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति के जीवन के संकट मिट जाते हैं। अतः इस स्तोत्र को श्री संकटनाशन स्तोत्र अथवा सङ्कटनाशन गणपति स्तोत्र के नाम से भी जाना जाता है। संकट नाशन गणेश स्तोत्र भगवान गणेश के मुख्य रूप से सफल स्तोत्रों में से एक है। यह सभी प्रकार के क्लेशों का नाश करता है।
संकट नाशन गणेश स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करने से मनुष्य सभी प्रकार के संकटों से मुक्त हो जाता है। भगवान गणेश सभी क्लेशों को हल करते हैं और जीवन में संपन्नता और संतोष का संचार करते हैं। किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
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Sankat nashan ganesh stotra pdf | संकटनाशन गणेश स्तोत्र
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संकटनाशन गणेश स्तोत्र | Shri Sankat Nashan Ganesh Stotra
॥ श्री गणेशायनमः ॥
नारद उवाच -
प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम ।
भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये ॥1॥
प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम ।
तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम ॥2॥
लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ॥3॥
नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम ॥4॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर: ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो ॥5॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ॥6॥
जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत् ।
संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ॥7॥
अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत: ॥8॥
॥ इति श्रीनारदपुराणे संकष्टनाशनं गणेशस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
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